अध्याय-2
सांख्ययोग
इस योग में पूर्वजन्मों के पुरुषार्थ का नाश नहीं होता, उल्टाफल भी नहीं होता। इस कर्मयोग की धारणा का अल्पांश भी पु. संगमयुगी शूटिंग अनुसार अनेक जन्मों के महान भय से रक्षण करता है। योगुर्जा से ही सारे काम होते हैं।

अध्याय -2

श्लोक उच्चारण

अध्याय -2

संक्षिप्त व्याख्या सहित

अध्याय -2

शब्दार्थ तथा संक्षिप्त व्याख्या सहित

ॐ शांति

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