अध्याय-17
श्रद्धात्रयविभागयोग
देहधारियों के स्वभाव से पैदा वह श्रद्धाभावना सात्त्विकी, राजसी और तामसी- ऐसे युगानुकूल क्रम से 3 प्रकार की ही होती है, उसे और सुन।
AIVV
होम
भगवद गीता
कोर्स
हिंदी सेक्शन
हिंदी सेक्शन
लिट्रेचर
लिट्रेचर
आर्टिकल
किताबें
बुकलेट वीसीडी
बुकलेट एसीडी
ऑरिजिनल साकार मुरली
क्लासेस
वार्तालाप
वीडियो गैलरी
सिलेक्टेड प्वाॅइट्स
सिलेक्टेड प्वाॅइट्स
क्रमानुसार
टॉपिक अनुसार
शॉर्ट्स
एम पी 3 (ऑडियो)
एम पी 3 (ऑडियो)
क्लासेस
वार्तालाप
इंग्लिश सेक्शन
इंग्लिश सेक्शन
लिट्रेचर
क्लासेस
क्लासेस
वीसीडी (सभी फोर्मट्स में)
ऑडियो (सभी फोर्मट्स में)
वार्तालाप
वीडियो गैलरी
सिलेक्टेड प्वाॅइट्स
सिलेक्टेड प्वाॅइट्स
क्रमानुसार
शॉर्ट्स
हिंदी - इंग्लिश ग्लोसरी
हमारे बारे में
Select-Adhyaay
Adhyaay-1
Adhyaay-2
Adhyaay-3
Adhyaay-4
Adhyaay-5
Adhyaay-6
Adhyaay-7
Adhyaay-8
Adhyaay-9
Adhyaay-10
Adhyaay-11
Adhyaay-12
Adhyaay-13
Adhyaay-14
Adhyaay-15
Adhyaay-16
Adhyaay-17
Adhyaay-18
अध्याय -17
श्लोक उच्चारण
अध्याय -17
संक्षिप्त व्याख्या सहित
अध्याय -17
शब्दार्थ तथा संक्षिप्त व्याख्या सहित
ॐ शांति
MORE LINKS
भगवद्गीता
कोर्स
लिट्रेचर
क्लासेस लिस्ट
दृष्टि (मेडिटेशन)
वीडियो गैलरी (हिंदी)
ओरिजिनल साकार मुरली
हिंदी - इंग्लिश ग्लोसरी
साइट अपडेट
INFORMATION
सामान्य प्रश्न
जीवन कहानी
AVV भागवत
हमारे बारें में
STUDENT FORM
नए जिज्ञासु
रेग्युलर जिज्ञासु
Copyright © 2025 by AIVV All rights reserved.